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राजकोट: गुजरात के राजकोट स्थित TRP गेम जोन में लगी भीषण आग में 27 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में कई घरों के न सिर्फ कुलदीपक खाक हो गए, साथ ही उन परिवारों की उम्मीदें, आशा और जिंदगी भर की खुशियां भी एक हादसे की भेंट चढ़ गईं. इस हादसे के एक पीड़ित अरविंद सिंह जडेजा का 20 वर्षीय भतीजा सुरपाल सिंह जडेजा मिसिंग है. आग लगने के वक्त गेमिंग जोन में मौजूद युवा दक्ष कुंजड़ीया ने कहा कि मैं और मेरा कज़िन भाई गेमिंग जोन में गए थे, उस वक़्त आग लगी. वहां का स्टाफ़ हमें एग्जिट गेट पर ले गया था. लेकिन आग इमरजेंसी एग्जिट के नीचे ही लगी थी. ऐसे में एंट्री और इमरजेंसी एग्जिट बंद हो चुका था. जब कोई विकल्प नहीं बचा तो कोने में मुझे एक स्टील की शीट दिखी. मुझे लगा उसे तोड़कर हम निकल सकते है. उस वक्त मेरे साथ 20 - 30 लोग मौजूद थे. मैंने स्टील तो वहीं से 15 लोग कूदकर निकल गए.
गेमिंग जोन में एंट्री और एग्जिट का एक ही गेट था, जो ग्लास का था. ग्लास पर रबर का बॉर्डर था. आग की वजह से हीट बढने से रबर पिघलने लगा और दरवाजा जाम हुआ. ग्राउंड फ्लोर पर पहले आग लगी थी. नीचे गो कार्टिंग थी, वहा पेट्रोल के केन पड़े थे. कंस्ट्रक्शन चल रहा था वहां लड़का गिरा था.
इस मामले में कार्रवाई और जांच का सिलसिला जारी है. घटना के बाद गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी राजकोट पहुंचे, उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया. इसके अलावा SIT के अध्यक्ष ADGP सुभाष त्रिवेदी और टीम के सदस्य एचपी संघवी, एफएसएल के डायरेक्टर भी गेमिंग जोन का जायजा लेने पहुंचे.
SIT के अध्यक्ष ADGP सुभाष त्रिवेदी ने कहा, जांच शुरू हो चुकी है, जो हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है. जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं, उनको न्याय दिलाने के लिए घटना की तह तक जाकर पूरी तहक़ीक़ात की जाएगी और बच्चों को न्याय दिलाया जायेगा. SIT के सदस्य और FSL के डायरेक्टर एचपी संघवी ने कहा, DNA रिपोर्ट आने में 2 से 48 घंटे तक का वक्त लग सकता है, वक्त कितना लगेगा वो सैंपल की क्वालिटी पर निर्भर करेगा.
बता दें कि तमाम मृतकों के परिजनों के DNA सैंपल राजकोट सिविल में कलेक्ट करके गांधीनगर भेजे गए हैं, TRP गेमिंग जोन में लगी आग की जांच के लिए गुजरात सरकार ने 5 सदस्यों की SIT गठित की है. ADGP सुभाष त्रिवेदी SIT के अध्यक्ष होंगे, IAS बंछानिधि पानी कमिश्नर टेक्निकल एजुकेशन, एचपी संघवी डायरेक्टर FSL, जेएन खड़िया चीफ फायर ऑफिसर अहमदाबाद, एमबी देसाई, सुप्रिटेंडिंग इंजीनियर, R&B होंगे. पांच सदस्यों की SIT की टीम को 72 घंटों मे प्राइमरी रिपोर्ट देगी, विस्तार से रिपोर्ट 10 दिन मे SIT को पेश करेगी.
आग कैसे लगी, गेमिंग जोन को जरूरी परमिशन थी या नहीं, परमिशन देते समय कौन सी बातों का ख्याल रखा गया था, गेमिंग जोन बनाते समय स्थानीय प्रशासन की परमिशन थी और क्या परमिशन के मुताबिक ही कंस्ट्रक्शन हुआ था या नहीं, फायर NOC था या नहीं, इमरजेंसी के समय में लोगो को बचाने के लिए क्या व्यवस्था थी? इमरजेंसी एग्जिट था कि नहीं, इस घटना के लिए स्थानीय तंत्र या गेम जोन के मालिक की कोई लापरवाही थी या नहीं इन सभी विषयों पर SIT जांच करेगी.
गेमिंग जोन में लगी आग वाली जगह का सुबह 5 बजे पंचनामा किया गया. चीफ फायर ऑफिसर आईवी खेर ने कहा कि TRP गेमिंग जोन के पास फायर NOC नहीं था, NOC के लिए कभी कोई एप्लीकेशन ही नहीं दी गई थी.
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार के दिन गेमिंग जोन में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, TRP गेम जोन में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता था. इसके अलावा टीआरपी गेम जोन में 1500 से 2000 लीटर डीजल जनरेटर के लिए रखा हुआ था, गो कार रेसिंग में इस्तेमाल होने वाली कारों के लिए भी 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल रखा था. ग़नीमत रही कि आग पेट्रोल - डीजल के जत्थे तक नहीं पहुंची, वरना मौत का आंकड़ा और भी अधिक पहुंच सकता था.
TRP गेम जोन में लगी आग की चपेट में आने से लोगों की दर्दनाक तरीके से मौत हुई. मृतकों का शव पहचान पाना उनके परिजनों के लिए मुश्किल बन गया, बुरी तरह से जले हुए शवों की पहचान के लिए गुजरात सरकार ने हेल्थ विभाग की विशेष टीम राजकोट सिविल हॉस्पिटल भेजी, जो DNA सैंपल कलेक्ट करके रिपोर्ट देगी.राजकोट के गेमिंग जोन में लगी आग के मद्देनजर गुजरात में चल रहे सभी गेमिंग जोन की जांच के आदेश जारी हुए हैं. फायर NOC बगैर के सभी गेमिंग जोन बंद कराए जा रहे हैं.
गेमिंग जोन में जब आग लगी तब अंदर मौजूद सुरपालसिंह जडेजा के चाचा अरविंदसिंह जडेजा ने कहा कि, मेरा भतीजा मिसिंग है, हमें न्याय की उम्मीद है, किसी परमिशन के बग़ैर गेमिंग जोन चल रहा था, मेरा 20 वर्षीय भतीजा अपने तीन दोस्तों के साथ गया था, हमें कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है, DNA सैंपल लेकर अभी इंतजार करने को कह दिया गया है.
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